DEOGHAR: महज सात वर्ष के देवघर के अंश राज की विलक्षण प्रतिभा का लोहा आज दुनिया मान रही है. वह पलक झपकते ही कठिन से कठिन गणित के सवालों का उत्तर दे देता है. अंश राज इसी उम्र में अपनी प्रतिभा के बल पर इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स, सहित ओएमजी बुक ऑफ रिकार्ड्स में अपना नाम दर्ज करा चुका है. इसके अतिरिक्त उसे वर्ल्ड रिकॉर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा ग्रैंड मास्टर की उपाधि से सम्मानित किया गया है.
शिक्षक पिता का पुत्र अंश अभी सिर्फ 7 वर्ष 5 महीने का है लेकिन वह सामान्य बच्चों से बिलकुल भिन्न है. वह बोल नहीं सकता है. सामान्य बच्चों की तरह उसे स्कूल जाना पसंद नहीं है. स्कूल से वह कुछ समय में वापस घर लौट आता है. उसे सूर्य की किरणों को निहारने के साथ ही प्रकृति से गहरा लगाव है.
अंश गणित के स्क्वायर रूट का मास्टर है. पलक झपकते ही इनके उत्तर दे देता है. उसके पिता आलोक कुमार बताते हैं कि बचपन में ही इसकी प्रतिभा झलकने लगी थी. वह 6 महीनों में केवल एक या दो शब्द बोल देता है. लोगों के संपर्क में आने से घबराता है और केवल माता पिता की थोड़ी बहुत बातें समझ पता है.
अंश राज सूर्य की किरणों को देखकर समय बता सकता है. केवल 5 मिनट 40 सेकंड में 80 कठिन स्क्वायर रूट का समाधान कर अंश ने अपना नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्डस में दर्ज कराया है. इसने 6 मिनट 10 सेकंड में 2 से 10 तक के अपरिमेय संख्या का दशमलव के बाद तीन अंक लिखकर ओएमजी बुक ऑफ रिकॉर्डस में भी अपना नाम दर्ज कराया है. अंश का चयन एशिया बुक ऑफ रिकॉर्डस के लिए भी किया गया है.
अंश की मां रितु कुमारी को अपने बेटे की काफी फिक्र रहती है. वो चाहती हैं कि उनका बेटा भी आम बच्चों की तरह लोगों से घुले-मिले, स्कूल जाए लेकिन ऐसा नहीं हैं. बहरहाल, उसकी इस विलक्ष प्रतिभा से माता-पिता काफी उत्साहित हैं.