KODERMA: बीते वर्ष जनवरी माह में जयनगर थाना क्षेत्र के पांडु गांव निवासी नाबालिग किशोरी को शादी की नियत से तस्करी कर उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में बेंचने का प्रयास करने में शामिल पांच आरोपियों को कोडरमा की जिला अदालत ने 14-14 वर्ष की सश्रम कारावास के साथ 25-25 हजार रुपये के आर्थिक दंड की सजा सुनाई है. आर्थिक दंड की राशि का भुगतान नहीं करने पर सभी अभियुक्तों को 2-2 वर्ष की अतिरिक्त सजा काटनी होगी.
सोमवार को कोडरमा के जिला जज द्वितीय अजय कुमार सिंह ने अपने फैसले में नाबालिग को झारखंड पीड़िता प्रतिकार योजना के तहत राज्य सरकार से मुआवजा दिलवाने के लिए डालसा को निर्देशित भी किया.
दरअसल, बिहार के नवादा जिले की निवासी मगिता देवी,पीलीभीत के हरिओम चौधरी एवं राम कुमार और बिहार के गया के वजीरगंज की पूजा देवी के साथ जहानाबाद जिले के कल्याणपुर निवासी राजेन्द्र कुमार द्वारा 5 जनवरी 2022 को कोडरमा जिले के जयनगर थाना क्षेत्र के पांडु गांव की नाबालिग शादी की नियत से 60 हजार रुपये में पीलीभीत निवासी राम कुमार को बेंचने का प्रयास किया गया था. इस सम्बन्ध में पीड़िता की मां द्वारा FIR दर्ज कराई गई थी. सुनवाई के दौरान अदालत में कुल 8 गवाहों को पेश किया गया.
पक्ष और प्रतिपक्ष दोनों की दलीलों को सुनने के बाद जिला जज-द्वितीय की अदालत ने सभी अभियुक्तों को IPC की धारा 120-B के तहत दोषी मानते हुए 5 वर्ष की सजा एवं 10 हजार रुपये का आर्थिक दंड के साथ ही राशि का भुगतान नहीं करने पर एक वर्ष के अतिरिक्त कारावास की सजा. 366-A में दोषी पाते हुए 7 वर्ष कारावास ,12 हजार रुपये का आर्थिक दंड और राशि का भुगतान नहीं करने पर 15 महीने की अतिरिक्त सजा. वहीं, धारा 370 (4) में दोषी करार देते हुए सभी अभियुक्तों को 14-14 वर्ष सश्रम कारावास और 25-25 हजार रुपये के आर्थिक दंड के साथ ही राशि का भुगतान नहीं करने पर 2-2 वर्ष के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई.