भागलपुर: भागलपुर जिले में स्थित घोघा के पन्नूचक निवासी गणपति शर्मा का मकान इस समय लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. मकान के निर्माण में ईंटों का प्रयोग नहीं हुआ है. यह पूरी तरह से गारे का बना हुआ है.
बैगर ईंट के इस मकान को लोग दूर-दूर से देखने आ रहे हैं. मकान के मालिक गणपति शर्मा पेशे से बढ़ई हैं. उन्हें मकान में एक बरामदा, चार कमरे, जिनमें से एक अंडर ग्राउंड हैं. मकान के दीवारें 7 से 8 इंच मोटी हैं जिनका निर्माण रेत और सीमेंट से किया गया है. छत की डिजाइन भी खास तरह की है. मकान के चौखट भी लकड़ी के बजाये सीमेंट और रेत से बनाये गए हैं.
गणपति शर्मा ने बताया कि इस पद्धति से मकान का निर्माण कराने पर लागत में भारी कमी आती है. यह ईंट की मकान तुलना में 30 प्रतिशत सस्ता होता है. इस मकान को गणपति श्रम और उनके परिवार के लोगों ने ही मिलकर बनाया है. इसके निर्माण में राज मिस्त्री या मजदूरों का सहारा नहीं लिया गया है.
ईंट भट्ठों के लिए प्रसिद्द घोघा में बिना ईंट के मकान के निर्माण ने लोगों का ध्यान अपनी और आकर्षित किया है. काम लागत और दिखने में सामान्य मकानों की तरह लगने वाले इस घर को लोग दूर-दूर से देखने आ रहे हैं. अब उम्मीद यह जताई जा रही है कि गणपति शर्मा के इस नूतन खोज का असर इलाके के लोगों पर पड़ेगा और इस तरह के मकानों की संख्या में इजाफा होगा.