पीयूष मंदन
भारतीय रेल देश के अमूमन हर व्यक्ति के जीवन का हिस्सा है. चाहे पास की यात्रा हो या दूर की, आज हर भारतीय की पहली पसंद रेलवे ही है. भारतीय रेलवे भारत की विभिन्न में जगहों और लोगों को आपस में जोड़ने का काम करती है. यात्रियों के लिए सस्ती और सुविधाजनक यात्रा होने के कारण रेलवे को भारत में सराहा जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में रेलवे की शुरुआत कब हुई थी? आइए जानते हैं ‘भारतीयों के दिलों की धड़कन’ कहीं जाने वाली रेलवे का इतिहास.
भारत में रेलवे की शुरुआत आज ही के दिन 169 वर्ष पहले 16 अप्रैल 1853 को हुई थी. 16 अप्रैल 1853 को ही भारत की पहली ट्रेन मुंबई से ठाणे के बीच 34 किलोमीटर का सफर तय किया था.इसीलिए आज के दिन को भारतीय रेल परिवहन दिवस के रूप में भी मनाया जाता है.
भारत की इस पहली ट्रेन में लगभग 400 लोगों ने सफर किया था. कहा जाता है कि इस ट्रेन में लगभग 14 डिब्बे थे, और यह ट्रेन दोपहर 3:30 पर बोरीबंदर रेलवे स्टेशन से शुरू हुई थी, जिसे आज छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस के नाम से जाना जाता है. इस ट्रेन ने मुंबई से ठाणे के बीच 34 किलोमीटर की दूरी ने लगभग 1 घंटे 15 मिनट में पूरी की थी.
मुंबई से ठाणे के बीच सफल रही इस यात्रा के बाद भारत में अलग-अलग शहरों में रेल सेवा की शुरुआत हुई. शुरुआत में अंग्रेज रेलवे का इस्तेमाल केवल माल की आवाजाही के लिए किया करते थे, पर बाद में इसे लोगों की यात्रा के लिए भी शुरू कर दिया गया. रेलवे को लोगों के लिए शुरू करने के बाद मुंबई, कोलकाता, मद्रास, दिल्ली, कानपुर, जयपुर, पुणे आदि अलग-अलग शहरों में रेलवे का नेटवर्क बिछाया गया, जो धीरे-धीरे पूरे देश में फैल गया.
आजादी के बाद भारत सरकार ने रेलवे का बेहतरीन उपयोग करते हुए रेलवे में काफी परिवर्तन लाएं, और आज हम रेलवे को जिस रूप में जानते हैं वह उसके शुरुआती रूप से काफी अलग और काफी ज्यादा सुविधाजनक है. इसीलिए कई बार ऐसा कहा जाता है कि आजादी के वक्त अंग्रेज भारत को जो सबसे बहुमूल्य तोहफ़ा देकर गए थे, वो था ‘भारतीय रेलवे’.