डेस्क: आपने सिविल सेवा परीक्षा में सफल हुए कई लोगों की सक्सेस स्टोरी सुनी होगी. चाहे टीना डाबी हो,कनिष्क कटारिया हो, सृष्टि देशमुख हो, अक्षत जैन हो या बिहार के शुभम कुमार हो, आपने अनेक लोगों की यूपीएससी जर्नी के बारे में जरूर सुना होगा. आज हम आपको मिलवाने जा रहे है एक ऐसी अधिकारी से, जिनको एक ताने ने IAS बना दिया. आइये जानते है IAS प्रियंका शुक्ला के बारे में!
दरअसल, प्रियंका शुक्ला IAS बनने के पूर्व पेशे से डॉक्टर थीं. उनके परिवारवालों ने हमेशा उन्हें IAS बनने को कहा, पर उन्हें डॉक्टर बनने का ही मन था. उन्होंने लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी से अपनी MBBS को पढ़ाई पूरी कर लखनऊ में ही डॉक्टरी का काम-काज संभाला. एक बार वे एक स्लम एरिया में गरीबों का इलाज करने गई थीं. इलाज के दौरान एक महिला अपने बच्चों को गंदा पानी पिला रही थी और खुद भी पी रही थी. जब प्रियंका ने उन्हें ऐसा करने से मना किया, तब उस महिला ने कहा कि “तुम क्या कहीं की कलेक्टर हो?” इस बात को सुनकर प्रियंका आश्चर्यचकित हो गईं, और उन्होंने उसी पल ठान लिया कि अब वे IAS बनकर रहेंगी.
इसके बाद प्रियंका अपना डॉक्टरी का पेशा छोड़ सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में लग गईं. इसके लिए उन्होंने कोचिंग भी नहीं ली. उन्होंने यूपीएससी के पाठ्यक्रम के अनुसार अपनी तैयारी कर पहला अटेम्प्ट 2008 में दिया, हालांकि वो इसमें असफल रहीं. असफलता से उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और एक बार फिर दुगने मेहनत और लगन से उन्होंने 2009 में दूसरा अटेम्प्ट लिया और इस बार वो सफल हो गईं. उन्हें सर्विस प्रेफरेंस में उनकी पसंदीदा सर्विस IAS मिला. उन्हें छत्तीसगढ़ काडर मिला. वो छत्तीसगढ़ के कई जिलों में बतौर जिला कलेक्टर काम कर चुकी हैं और उन्हें कई बार राष्ट्रपति अवार्डस भी मिल चुके हैं. आज प्रियंका हर UPSC एस्पिरेन्ट के लिए रोल मॉडल हैं, जो IAS बनने के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण की भी अनोखी मिसाल है.